सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

लौटकर आया नहीं



फूल की बातें सुनाकर वो गया,
किस अदा से वक़्त काँटे बो गया ।

गाँव की ताज़ा हवा में था सफ़र,
शहर आते ही धुएँ में खो गया ।

मौत ने मुझको जगाया था मगर,
ज़िंदगी के फ़लसफ़ों में सो गया ।

मेरा अपना वो सुपरिचित रास्ता,
कुछ तो है जो अब तुम्हारा हो गया ।

पा गया ख़ुदगर्ज़ियों का राजपथ,
रास्ता जो भी सियासत को गया ।

सीख तेरी काम आ जाती मगर,
हाथ से निकला जो अवसर तो गया ।

कौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
लौटकर आया नहीं है जो गया ।
***********************

वो सफ़र में साथ है पर इस अदाकारी के साथ ।
जैसे इक मासूम क़ातिल, पूरी तैयारी के साथ ।

                                                                           सादर आभार : विनय मिश्र 

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21 टिप्‍पणियां:

  1. वाह!
    कौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
    लौटकर आया नहीं है जो गया ।

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  2. कौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
    लौटकर आया नहीं है जो गया ।.....waaah waaaaah kya she'r nikala hai.......khub

    जवाब देंहटाएं
  3. कौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
    लौटकर आया नहीं है जो गया ।

    खुबसूरत प्रस्तुति भाई राजेन्द्र जी, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेह्तरीन अभिव्यक्ति!!शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह! खुबसूरत प्रस्तुति भाई राजेन्द्र

    कौन बतलाए हुआ उस पार क्या,
    लौटकर आया नहीं है जो गया ।

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरा अपना वो सुपरिचित रास्ता,
    कुछ तो है जो अब तुम्हारा हो गया ।

    खुबसूरत प्रस्तुति, शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत खूब राजेन्द्र जी, विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  8. पा गया ख़ुदगर्ज़ियों का राजपथ,
    रास्ता जो भी सियासत को गया ।
    बेहतरीन सुंदर गजल !
    विजयादशमी की शुभकामनाए...!

    RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.

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  9. मेरा अपना वो सुपरिचित रास्ता,
    कुछ तो है जो अब तुम्हारा हो गया ।
    yeh sher khaas pasand aaya.

    Ghazal acchee lagi.

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  10. पा गया ख़ुदगर्ज़ियों का राजपथ,
    रास्ता जो भी सियासत को गया ।

    बे -बाक कहा है जो भी कहा है इस गजल में। खूबसूरत काबिले दाद हर शैर गजल का। शुक्रिया राजेन्द्र जी पढ़वाने का।

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  11. मौत ने मुझको जगाया था मगर,
    ज़िंदगी के फ़लसफ़ों में सो गया ..

    बहुत खूब... लाजवाब शेर हैं सभी इस गज़ल के ... दर्शन लिए जीवन का ...

    जवाब देंहटाएं
  12. खुबसूरत प्रस्तुति भाई राजेन्द्र जी, आभार।

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आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!