रविवार, 29 नवंबर 2015

जनता का हक़-ग़ज़ल


जनता का हक़ मिले कहाँ से, चारों ओर ‪दलाली है |
‪चमड़े का दरवाज़ा है और ‪कुत्तों की रखवाली है ||

‪मंत्री, नेता, अफसर, मुंसिफ़ सब जनता के सेवक हैं |
ये जुमला भी प्रजातंत्र के मुख पर ‪भद्दी गाली है ||

उसके हाथों की ‪कठपुतली हैं सत्ता के ‪शीर्षपुरुष |
कौन कहे संसद में बैठा ‪गुंडा और मवाली है ||

सत्ता ‪बेलगाम है जनता ‪गूँगी बहरी लगती है |
कोई उज़्र न करने वाला कोई नहीं ‪सवाली है ||

सच को यूँ ‪मजबूर किया है देखो झूठ बयानी पर |
‪माला फूल गले में लटके पीछे सटी ‪दोनाली है ||

‪दौलत शोहरत बँगला गाड़ी के पीछे सब भाग रहे हैं |
‪फसल जिस्म की हरी भरी है ‪ज़हनी रक़बा खाली है ||

‪सच्चाई का जुनूँ उतरते ही हम ‪मालामाल हुए |
हर सूँ यही हवा है ‪रिश्वत हर ताली ताली है ||

वो ‪सावन के अंधे हैं उनसे मत पूँछो रुत का हाल |
उनकी खातिर हवा ‪रसीली चारों सूँ ‪हरियाली है ||

‪पंचशील के नियमो में हम खोज रहे हैं सुख साधन |
चारों ओर ‪महाभारत है दाँव चढ़ी ‪पञ्चाली है ||

पहले भी ‪मुगलों-अंग्रेजो ने जनता का ‪‎खून पिया |
आज 'विप्लवी' भेष बदलकर नाच रही खुशहाली है ||

साभार :- बी. आर. विप्लवी
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22 टिप्‍पणियां:

  1. जय मां हाटेशवरी....
    आप ने लिखा...
    कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
    हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
    दिनांक 30/11/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
    चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर... लिंक की जा रही है...
    इस चर्चा में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
    टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    कुलदीप ठाकुर...


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  2. बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति, धन्यबाद मित्र।

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  3. बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल प्रस्तुति।

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  4. बहुत ही सटीक चित्रण...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सटीक चित्रण...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल

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  6. वाह, बहुत खूब। जो कुछ लिखा वह सब सच है। चारों ओर दलाली है, कुत्‍तों की रखवाली है।

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  7. मंत्री, नेता, अफसर, मुंसिफ़ सब जनता के सेवक हैं |
    ये जुमला भी प्रजातंत्र के मुख पर ‪भद्दी गाली है ||

    उसके हाथों की ‪कठपुतली हैं सत्ता के ‪शीर्षपुरुष |
    कौन कहे संसद में बैठा ‪गुंडा और मवाली है ||

    आज की राजनीति का सटीक चित्रण .

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  8. सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....

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  9. बहुत सटीक सामयिक रचना, बधाई

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  10. बहुत सटीक सामयिक रचना, बधाई

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही सुंदर और सामयिक रचना की प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  12. बिल्कुल निशाने पर तीर है आपका।बहुत सटीक चित्रण है वर्तमान परिस्थितियों का।

    http://manishpratapmpsy.blogspot.com पर मेरी कविताएं अवश्य पढें।

    जवाब देंहटाएं
  13. बिल्कुल निशाने पर तीर है आपका।बहुत सटीक चित्रण है वर्तमान परिस्थितियों का।

    http://manishpratapmpsy.blogspot.com पर मेरी कविताएं अवश्य पढें।

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आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है,आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है, आपके कुछ शब्द रचनाकार के लिए अनमोल होते हैं,...आभार !!!